जानते थे तुम मैं टूट जाऊँगी अंदर से,
फिर भी तुमने शब्दो मे घेरे रखा मुझे,
शब्द जो दिन रात पीछा करते है मेरा
शब्द जो हवा की तरह घूमा करते है,
शब्द जो मेरी साँसो मे बस गए है,
शब्द जो तुम बोला करते थे
शब्द जो जोंक की तरह चिपट गए है,
शब्द जिनहे मैं हटा देना चाहती हूँ अपने जेहन से,
शब्द जो कभी खत्म नहीं होते,
शब्द शब्द शब्द शब्द शब्द................
बस यही रह गए है मेरे पास,
तुम्हारे अलावा ये शब्द शामिल है मुझमे.....
फिर भी तुमने शब्दो मे घेरे रखा मुझे,
शब्द जो दिन रात पीछा करते है मेरा
शब्द जो हवा की तरह घूमा करते है,
शब्द जो मेरी साँसो मे बस गए है,
शब्द जो तुम बोला करते थे
शब्द जो जोंक की तरह चिपट गए है,
शब्द जिनहे मैं हटा देना चाहती हूँ अपने जेहन से,
शब्द जो कभी खत्म नहीं होते,
शब्द शब्द शब्द शब्द शब्द................
बस यही रह गए है मेरे पास,
तुम्हारे अलावा ये शब्द शामिल है मुझमे.....